- कार्यशाला में आग लगने के कारण एवं परिणामों को स्पष्ट करना
- विभिन्न प्रकार के अग्निशामकों को पहचानना
- विभिन्न प्रकार की आग का वर्गीकरण करना और आग बुझाने की मूलभूत प्रक्रिया स्पष्ट करना
- आग के प्रकार के अनुरूप सही अग्निशामक का चयन करना
- आग लगने की स्थिति में अपनायी जानेवाली सामान्य अग्निशामक के प्रचालन और आग बुझाने की विधि को स्पष्ट करना।
आग (Fire)
ज्वलनशील पदार्थ के जलने को आग कहते है। न चाहे गये स्थान पर तथा न चाहे गये मौको पर तथा अनियंत्रित मात्रा में आग संपत्ति तथा सामान को क्षति या नष्ट कर सकती है। यह व्यक्ति को हानि पहुँचा सकती है। तथा कभी कभी इसके कारण जान भी जा सकती है अतः आग से बचने के लिए सभी कोशिश करनी चाहिए। जब आग के लगने का पता चलता है तो उसे नियंत्रित करने तथा बुझाने की तुरन्त उचित कार्यवाही करनी चाहिए।अग्नि तत्व (Element of fire)
आग लगाने के लिए तीन आवश्यक तत्वों (ईंधन, तापमान, ऑक्सीजन) का होना आवश्यक है किसी भी एक की अनुपस्थिति में आग नहीं लगेगी।ईंधन (Fuel)
कोई भी पदार्थ, द्रव, ठोस या गैस तब जलेगा जब उसे आक्सीजन तथा उच्च ताप दिया जाये।ताप (Heat)
कोई भी ईंधन किसी निश्चित तापमान पर जलना आरम्भ करता है। यह ईंधन पर निर्भर करता है, ठोस तथा द्रव को जब गर्म किया जाये तो वे वाष्प उत्पन्न करते है जिससे आग लगती है। कुछ द्रव को गर्म करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि वह नार्मल कमरे के ताप पर जैसे 15°C पर वाष्प उत्पन्न करते जैसे पेट्रोल।ऑक्सीजन (Oxygen)
आग को जलते रहने के लिए ऑक्सीजन सामान्यत: पर्याप्त मात्र में हवा में उपस्थित रहती है।क्या आग की रोकथाम की जा सकती है? हाँ, आग लगने के आवश्यक तीन कारणों (ईंधन, तापमान, ऑक्सीजन) में से किसी एक को खत्म (विलोपन) करके आग को लगने से बचाया जा सकता है। आग लगाने और जलते रहने के लिए इन तीनो कारको का एक साथ होना आवश्यक है जिसको इस फायर ट्रॉएंगल से समझा जा सकता है।
स्टार्विंग (Starving) - ईंधन को आग से अलग करके
स्मूथरिंग (Smothering) - हवा को रोक कर अर्थात फोम (झाग) रेत इत्यादि से ढककर आक्सीजन की सप्लाई को आग से अलग करना।
कूलिंग (Cooling) - ताप कम करके इसके लिए पानी का उपयोग किया जाता है।
पानी से भरे अग्निशामक (Water filled fire extinguisher) - इनमे उच्च दाब पर पानी भरा होता है इसे चलाने पर तेज बौछार के साथ पानी छूटता है।
हेलॉन अग्निशामक यंत्र (Halon extinguishers) - इन में कार्बन टेट्राक्लोराइड (CTC) अथवा ब्रोमोक्लोरो डाई फ्लोरो मीथेन (BCF) भरा जा सकता है। ये गैस कार्टेज या स्टोर्ड प्रेशर प्रकार के हो सकते है।
अग्निशामक का इस्तेमाल करने के लिए पी.ए.एस.एस (P.A.S.S.) तरीका अपनाना चाहिए।
आग को बुझाना (Extinguishing of fires)
ईंधन, तापमान, ऑक्सीजन में से किसी कारण को अलग करने या हटाने से आग को बुझाया जा सकता है, इसके लिए तीन बेसिक विधियाँ है।स्टार्विंग (Starving) - ईंधन को आग से अलग करके
स्मूथरिंग (Smothering) - हवा को रोक कर अर्थात फोम (झाग) रेत इत्यादि से ढककर आक्सीजन की सप्लाई को आग से अलग करना।
कूलिंग (Cooling) - ताप कम करके इसके लिए पानी का उपयोग किया जाता है।
आग का वर्गीकरण (Classification of fires)
ईंधन की प्रकृति के आधार पर आग को चार प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है।
CLASS 'A' FIRE
ठोस पदार्थो जैसे - लकड़ी, कागज, कपडा आदि में लगने वाली आग क्लास-ए आग कहलाती है। इस तरह की आग बुझाने के लिए पानी की फुहार द्वारा आग के निचले हिस्से में दें तथा धीरे-धीरे ऊपर लाएं। पानी से भरे अग्निशामक यंत्र का उपयोग इस प्रकार की आग पर किया जाता है।
CLASS 'B' FIRE
द्रव पदार्थो जैसे ग्रीस, गैसोलीन, तेल आदि में लगने वाली आग क्लास-बी आग कहलाती है। इस तरह की आग बुझाने के लिए फोम या रेत इत्यादि से ढककर आक्सीजन की सप्लाई को आग से अलग करना चाहिए। पानी का उपयोग जलते हुए द्रव्य पर कभी न करें। फोम, सूखा पाऊडर या CO2 प्रकार के अग्निशामक यंत्र का उपयोग इस प्रकार की आग पर किया जाता है।
CLASS 'C' FIRE
गैस अथवा द्रवित गैस में लगने वाली आग क्लास-सी आग कहलाती है। इस तरह की आग बुझाने के लिए बहुत अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। इसमें विस्फोट होने तथा एकाकए आग फैलने का खतरा रहता है। यदि सिलेण्डर में आग लग जाएं तो ऑक्सीजन के प्रदेय को बंद कर दें। सुरक्षित विधि है एलार्म बजाना तथा आग को बुझाना प्रशिक्षित लोगों पर छोड़ दें। सूखे चर्ण वाले अग्निशामक यंत्र का उपयोग इस प्रकार की आग पर करना चाहिए।
CLASS 'D' FIRE
धातु तथा विद्युत उपकरणों में लगने वाली आग क्लास-डी आग कहलाती है। विशेष चूर्ण का विकास हो चुका है जो इस प्रकार की आग को बुझाने का तथा या नियंत्रित कर सकते हैं । इलेक्ट्रीकल उपकरणों में आग को हेलॉन, कार्बन डाईआक्साइड, CTC अग्निशामक यंत्र बुझाने में सहायक है। फोम या पानी से भरे अग्निशामक को किसी भी परिस्थिति में इलेक्ट्रानिक उपकरणों में प्रयुक्त नहीं किया जाता है।
अग्निशामक के प्रकार (Types of Fire Extinguisher)
विभिन्न प्रकार की आग से निपटने के लिए विभिन्न तरह के अग्निशामक यंत्र उपयोग किय जाते है। जिसे इस सरणी से समझते है -अग्निशामक यंत्र | आग का प्रकार | ईंधन का प्रकार |
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1. पानी से भरे अग्निशामक | क्लास-ए | लकड़ी, कागज, कपडा |
2. झाग वाले अग्निशामक | क्लास-बी | ग्रीस, गैसोलीन, तेल |
3. सूखा पाउडर अग्निशामक | क्लास-सी | गैस अथवा द्रवित गैस |
4. हेलॉन अग्निशामक यंत्र | क्लास-डी | धातु तथा विद्युत उपकरण |
पानी से भरे अग्निशामक (Water filled fire extinguisher) - इनमे उच्च दाब पर पानी भरा होता है इसे चलाने पर तेज बौछार के साथ पानी छूटता है।
झाग वाले अग्निशामक (Foam Extinguishers) - ये संग्रहित दाब या गैस कार्टेज प्रकार के हो सकते है। इसे चलाने पर ये झाग फेकते है।
सूखा पाउडर अग्निशामक (Dry powder extinguishers) - जिनमें सूखा पाऊडर फिट किया रहता है ये गेस कार्टेज या स्टोर्ड प्रेशर प्रकार के हो सकते हैं। इनका प्रमुख पहचान करने का लक्षण इनका फोर्क के आकार का नॉजल है।
हेलॉन अग्निशामक यंत्र (Halon extinguishers) - इन में कार्बन टेट्राक्लोराइड (CTC) अथवा ब्रोमोक्लोरो डाई फ्लोरो मीथेन (BCF) भरा जा सकता है। ये गैस कार्टेज या स्टोर्ड प्रेशर प्रकार के हो सकते है।
अग्निशामक यंत्र का इस्तेमाल (Use of fire extinguishers)
- P माने खींचना (pull) - सबसे पहले अग्निशामक की सील को तोड़कर सेफ्टी पिन को खींचे
- A माने निशाना (aim) - अब आग लगे स्थान के नीचे की और निशाना साधे
- S माने दबाना (squeeze) - अब अग्निशामक के लीवर को धीरे धीरे दबाय
- S माने इधर उधर घुमाना (sweep) - अब आग पर पाइप को इधर उधर घुमाय जब तक की आग बुझ नहीं जाती है।